क्या गाजीपुर के खंड विकास अधिकारी हुए भ्रष्टाचार में लिप्त ? !...मनिहारी ब्लाक का सराय गोबिंद गांव चढ़ा भरस्टाचार की भेंट,बिना कार्य किये हुवा मनरेगा से भुगतान
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
ग़ाज़ीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर मनिहारी ब्लाक के सरायगोबिद गांव का मामला बिना मनरेगा कार्य हुए ही कागजो से हुवा भुगतान जब किसान ने जिलाधिकारी से लगायी गुहार फिर स्पष्टीकरण का आदेश फिर ग्राम विकास अधिकारी ने दीया स्पष्टीकरण की हुवा कार्य पूरा पाया गया वही पूर्व खंड विकास अधिकारी मनिहारी अरविंद यादव ने स्पष्टीकरण में लगाई रिपोर्ट की वादी द्वारा स्वयं के लिए स्वयं के संसाधन से फेंका गया था आने जाने के लिए रास्ता और मनरेगा से नहीं हुआ था कोई काम उसके बाद जो वर्तमान खंड विकास अधिकारी हैं सिरिस वर्मा ने आईजीआरएस पर लगाया रिपोर्ट बिना अस्थली निरीक्षक किए लगा दिया रिपोर्ट के मनरेगा द्वारा किया गया था कार्य और जोक वादी द्वारा लगाया गया था आरोप वह किसी कारण भ्रामक ता फैलाने का था प्रयास इसमें कौन होते हैं दोषी या पूर्व खंड विकास अधिकारी अरविंद यादव या वर्तमान खंड विकास अधिकारी सिरिस वर्मा आ ग्राम विकास अधिकारी मुकेश सिंह आप को बताते चले कि दरोगा सिंह के घर तक मिट्टी काम करने के लिए किया गया भुगतान क्र0सं0-1,2,3,मस्टररोल न0-5385,मस्टररोल का समय-30.06.2022 से 04.08.2022 तक चला काम और हुवा भुगतान हुवा रु81792, आप यह बताने में शर्म आ रही कि वहाँ काम हुवा ही नही ओर जब दरोगा सिंह ने सपथ पत्र के जरिये जच कराना सुरु कीया तो ग्राम विकास अधिकारी मुकेश सिंह ने फर्जी तरीके से लगाया रिपोर्ट की कार्य हो चुका हैं वही मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने जांच कर कार्रवाई करने का दिया आदेश।
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