गाजीपुर/उत्तर प्रदेश
कार्यप्रगति कम होने पर स्पष्टिकरण का निर्देश!... कार्य समय पर न करने से डीएम ने रोक दिया वेतन
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
गाजीपुर। विशेष संचारी रोग नियंत्रण, दस्तक अभियान, संचारी रोगों, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं उसके कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में तृतीय चरण का द्वितीय साप्ताहिक जनपद स्तरीय अंन्तर्विभागीय समन्वय बैठक सोमवार को जिला पंचायत सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक मे जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागो से 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2022 तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एंव 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2022 तक दिमागी बुखार पर नियंत्रण हेतु किये गये कार्याे की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सी डी पी ओ जमानियां द्वारा अब तक कोई कार्य न किये जाने पर वेतन रोकने तथा स्पष्टिकरण का निर्देश दिया। सी डी पी ओ सादात, मरदह, कासिमाबाद एवं देवकली के द्वारा संतोषजनक कार्य न करने तथा कार्यप्रगति कम होने पर स्पष्टिकरण का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सुअर पालको को चिन्हित कर उन्हे जागरूक करने का निर्देश दिया। बैठक मे जिलाधिकारी ने अन्य विभागो से प्राप्त विभागीय कार्ययोजनाओ की समीक्षा करते हुए समस्त विभागो को कार्ययोजना के तहत ही कार्यवाही का निर्देश दिया। उन्होने ने कहा कि संचारी रोग, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं इसके त्वरित एवं सही उपचार सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तृतीय चरण जो 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान 7 से 21 अक्टूबर के मध्य प्रस्तावित है। उन्होने कहा कि जनपद में तहसील, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाते हुए आमजन को मच्छर जनित एवं संचारी रोगों से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे जागरूक करने का निर्देश दिया। उन्होने निर्देश दिया कि बच्चों को स्कूलों में लार्वा पनपने के स्रोतों की न केवल जानकारी दी जाए बल्कि उनके मध्य प्रतियोगिता भी कराई जाए। सभी मलेरिया निरीक्षकों को फील्ड में एक्टिवेट किया जाए तथा हाई रिस्क गांव में युद्ध स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जाय। उन्होने निर्देश दिया कि अभियान में आशा-आंगनबाड़ी साथ मे अनिवार्य रूप से भ्रमण करे। शहरी- ग्रामीण क्षेत्र में फागिग व एंटीलार्वा एक्टिविटी बढाया जायें। हैंडपंप एंव अन्य जल जमाव वाले स्थलो को चिन्हित करते हुए यह सुनिश्तिच करे कि कही भी आसपास जलजमाव ना हो, वही हैंडपंप से डेढ़ मीटर दूरी तक नाली बनवाए। सुपरक्लोरिनेशन के साथ पेयजल की सप्लाई सुनिश्चित करें। आशा-एएनएम फील्ड में सक्रियता से काम करें। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों से जनसंपर्क एवं जन जागरण, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल, वातावरणीय स्वच्छता सहित विभिन्न बिंदुओं पर बिंदुवार समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए तथा इस अभियान की मानिटरिंग की बारीकियों को भी बताया। उन्होने निर्देश दिया कि दस्तक अभियान में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकत्री प्रत्येक मकान पर क्षय रोग के संभावित रोगियों के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगी, लक्षणों वाले व्यक्ति की सूचना प्राप्त होने पर उस व्यक्ति का संपूर्ण विवरण एक लाइन लिस्टिंग फॉर्मेट में अंकित कर क्षेत्रीय एएनएम के जरिए ब्लॉक मुख्यालय को उपलब्ध कराएगी। मलेरिया विभाग के कार्यकर्ता क्षेत्रवार योजना बनाते हुए गत वर्ष में मच्छर जनित रोगों के आंकड़ों के आधार पर चयनित हाई रिस्क क्षेत्रों में वेक्टर घनत्व का आकलन भी करेंगे। उन्होने कहा कि संचारी रोगों नियंत्रण अभियान के तृतीय चरण पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए इस विषय पर एक संपूर्ण सोच के साथ संबंधित विभागों के मध्य उचित समन्वय होना आवश्यक है। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, पशुपालन, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कृषि एवं सिंचाई, सूचना, उद्यान विभाग के निर्धारित उत्तरदायित्व बताएं, तथा अपेक्षित सहयोग किए जाने की अपेक्षा की। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 हरगोविन्द, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 राजेश कुमार सिंह, समस्त अधीशासी अधिकारी नगर पलिका/नगर पंचायत, मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार एवं संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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