कथित शिक्षक की जालसाजी से दो बच्चों का भविष्य हुआ बर्बाद!...एडमिट कार्ड देने के नाम लिए 32 हजार रुपये
मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)
गाजीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर सैदपुर नगर के वार्ड 2 में अपने मामा के घर पर रहकर पढ़ाई करने वाले 2 भाई-बहनों का एक कथित शिक्षक द्वारा न सिर्फ दो साल बर्बाद कर दिया गया, बल्कि उनसे रुपये भी ले लिए गए। इस साल यूपी बोर्ड की दोनों की परीक्षाएं छूट जाने के बाद अब पीड़ित छात्र व छात्रा बेहाल हैं। उन्होंने एक तहरीर लिखकर थाने में शिकायत करने की बात कही है। हुआ ये कि साहिल सोनकर पुत्र रमाशंकर सोनकर निवासी टांडा कलां, चन्दौली के मामा का घर सैदपुर के वार्ड 2 में है। वो अपने मामा अशोक के घर उनके यहां रहता है। पीड़ित छात्र ने लिखित पत्रक में बताया कि वो सैदपुर में मामा अशोक के यहां रहकर पढ़ाई करता है। बताया कि उसकी कोटिशा विक्रमपुर निवासी भरत यादव पुत्र देवलाश यादव से मुलाकात हुई। भरत ने खुद को एक निजी इंटर कॉलेज का शिक्षक बताकर यूपी बोर्ड के माध्यम से 10वीं में साहिल का, उसकी सगी बड़ी बहन मौसम सोनकर व शालू सोनकर का यूपी बोर्ड में ही 12वीं में प्रवेश दिलाने व बोर्ड परीक्षा का प्रवेश फॉर्म भरने के नाम कई बार में कुल 32 हजार रुपये ले लिए। साहिल ने बताया कि इस बीच जब भी भरत से एडमिशन के लिए पूछता तो वो कहता कि काम हो रहा है। इस बीच आज से पूरे यूपी में 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हुई हैं। पीड़ित छात्र ने बताया कि मेरे मामा अशोक सोनकर ने 21 फरवरी को एडमिट कार्ड मांगने के लिए भरत को फोन किया। भरत ने कहा कि परीक्षा के दिन सुबह में मैं तीनों का प्रवेश पत्र खुद लेकर आपके घर आऊंगा और तीनों को पहले दिन परीक्षा भी दिलाने ले जाऊंगा। इसके बाद भरत ने एक अन्य व्यक्ति शैलेश यादव के खाते में पीड़ित से एक हजार रुपये पुनः मंगवाए। इसके बाद सिर्फ पीड़ित की बड़ी बहन मौसम का प्रवेश पत्र दिया और साहिल व शालू का प्रवेश पत्र नहीं दिया। आज सुबह परीक्षा देने के लिए जब साहिल उन्हें फोन करने लगा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। कई बार करने के बाद जब फोन उठाया तो कहा कि सिर्फ मौसम का ही फॉर्म भरा गया है, तुम दोनों से मुझे कोई मतलब नहीं है। तुम दोनों का फॉर्म नहीं भरा गया है। इसके बाद जब साहिल ने कहा कि हम दोनों का दो साल बर्बाद हो जाएगा, तो हम कैसे आगे पढ़ेंगे। जिस पर भरत ने उससे बदतमीजी करते हुए फोन काट दिया। जिसके चलते दोनों की परीक्षा छूटने से न सिर्फ उनके दो साल बर्बाद हो गए, बल्कि उनके रुपये भी गए। इस बाबत पीड़ित ने कहा कि इस घटना के बाद प्रार्थी व मेरी बहन शालू मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। हम दोनों के दो साल बर्बाद हो गए हैं जिससे हम और हमारा पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है।
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