कथा वाचक पार्वती नन्दन महाराज ने कहा!....पूर्व जन्म के कर्म या सौभाग्य से मिलता है भागवत कथा सुनने का मौका
किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
सादात। खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर क्षेत्र के कनेरी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन गुरुवार को चित्रकूट से आये कथा वाचक पार्वती नन्दन महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण सभी ग्रंथों का सार है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ भी कहा जाता है। इसकी कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी हैं और आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा से भक्ति व ज्ञान की प्राप्ति होती है। कहा कि श्रीहरि के कृपापात्रों को संसार में कोई भयभीत नहीं कर सकता। इसलिए हर किसी को कथा का आयोजन कराना चाहिए। कहा कि जब व्यक्ति के सौभाग्य का उदय होता है या पूर्वजन्म के संस्कार होते हैं, तब भागवत कथा सुनने को मिलती है। अन्यथा कथा आपके घर के पास होती रहे, लेकिन आप उसमें भाग नहीं ले पाएंगे। यह ग्रंथ साक्षात श्री भगवान का स्वरूप है। कथा के दौरान संयोजक धर्मपाल सिंह, शिवम सिंह, हरेन्द्र प्रताप, पार्वती, मीरा, पूनम, नैना, सुशीला, शिल्पी, सावित्री, पूजा, अजय सिंह, सुरेन्द्र, अनिल सिंह आदि उपस्थित रहे।
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