ऑनलाइन शॉपिंग की खुल गई पोल!....ऑनलाइन शॉपिंग में क्वालिटी और क्वांटिटी में जमीन आसमान का फर्क!
आदित्य कुमार सीनियर क्राइम रिपोर्टर
गाजीपुर:- ऑनलाइन शॉपिंग इन दिनों देखा जाए तो खरीदारी एक फैशन का अलग ट्रेड चल रहा है। जहां घर बैठे लोग ऑनलाइन छोटी से छोटी सामान भी मंगा ले रहे हैं लेकिन उस सामान में क्वालिटी और क्वांटिटी में जमीन आसमान का फर्क रहता है साथ ही एक अपनी स्थली दुकानदार के साथ हो रहे व्यवहार से हम कोसो दूर हो रहे हैं। कहीं न कहीं अपने स्थानीय दुकानदार से खरीदारी करने का मजा ही कुछ और है ।
अपने स्थानीय दुकानदार से खरीदारी करने पर एक व्यवहार के साथ बेहतर संबंध बनते हैं। जहां मजबूरी में भी हम क्रेडिट पर सामान खरीदते हैं साथ ही मजबूरी पड़ने पर दुकानदार द्वारा मदद भी किया जाता है लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग से यह सारी व्यवस्थाएं हम खोते जा रहे हैं। संत महापुरुष कहते हैं कि दुनिया में चार करोड़ की जरूरत कम चार लोगों की जरूरत ज्यादा होनी चाहिए ।क्योंकि अंत समय में चार लोग ही कंधे देते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है इससे छोटे शहरों और गांव कस्बों के दुकानदारों की बिक्री पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। प्रारंभ में ऑनलाइन शॉपिंग का प्रयोग ऑडियो, वीडियो क्लिप, सॉफ्टवेयर और बुक्स के पीडीएफ की बिक्री के किया गया था। परंतु आज दैनिक जरूरत की हर छोटी-छोटी वस्तुएं भी बेची जा रही है जिससे छोटे दुकानदारों की बिक्री प्रभावित हो रही है ।हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन दुकानदारों से खरीदी गई वस्तु में कोई कमी या समस्या आने पर हम उनसे तुरंत संपर्क करके समाधान पा सकते हैं तथा हमारे सामाजिक और भावनात्मक संबंध भी निकटवर्ती दुकानदारों से बनते हैं जो कि कई बार मुसीबत में भी हमारे काम आते हैं। हमें विचार से ऑनलाइन शॉपिंग के लिए कुछ निश्चित मानदंड और पैमाने तय किए जाने चाहिए कि कुछ विशेष वस्तुएं ही ऑनलाइन खरीदी और बेची जा सके।
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