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एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने लिया मामले को संज्ञान में!..मारपीट और गोली लगने की घटना में हुआ कोतवाली मे

एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने लिया मामले को संज्ञान में!..मारपीट और गोली लगने की घटना में हुआ कोतवाली में मुकदमा दर्ज


मोहम्मद इसरार पत्रकार (उप संपादक)


गाज़ीपुर:- खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर गाजीपुर प्रकाश नगर स्थित एमएलसी विशाल सिंह चंचल समाधान कार्यालय पर आए हुए जनता दर्शन के दौरान कोतवाली गाजीपुर अंतर्गत निवासी आलोक बलवंत पुत्र जंग बहादुर बलवंत का मामला आया कि तीन-चार दिन पहले से कार्यालय पर आए हुए व्यक्ति का निस्तारण नहीं हुआ था। मामला था कि प्रार्थी 11 सितंबर को गोली लगने की घटना उपरांत सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया जहाँ प्रार्थी पर दबाव बनाकर केवल मारपीट का हीं मुकदमा दर्ज किया गया था।

प्रार्थी पुनः 16 सितंबर को एमएलसी समाधान कार्यालय आया और अपनी आपबीती बताई जिसका संज्ञान लेकर  प्रतिनिधि डॉक्टर प्रदीप पाठक ने कोतवाल से वार्तालाप किया, कोतवाल द्वारा बताया गया कि सामान्य मारपीट का मामला है कोई गोली नहीं लगी है केवल मारपीट में खरोच आई है।जिसके बाद प्रार्थी को 17 सितंबर को माननीय एमएलसी विशाल सिंह चंचल के गाज़ीपुर आगमन की सूचना प्राप्त हुई। जिसके बाद प्रार्थी मौके पर पहुंचकर प्रत्यक्ष एमएलसी विशाल सिंह चंचल को अपनी पूरी आप बीती बताई। बताया की गोली लगने के बावजूद भी सदर कोतवाली में कोतवाल द्वारा केवल मार पिट का मुकदमा लिखा गया। तथा कोतवाल द्वारा डाट कर कहाँ गया की तुम्हे केवल खरोच लगी है। ज़ब की गोली अभी भी आलोक बलवंत के कंधे फसी थी तथा फायरिंग का कोई जिक्र नहीं किया गया। ना हीं दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी।प्रार्थी आलोक बलवंत ने मौके पर गोली लगे जख्म को एमएलसी को दिखाया। एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने तत्काल घटना का संज्ञान लेते हुए कार्यालय पर सदर कोतवाल तथा क्षेत्राधिकार को मौके पर बुलाकर तत्काल कार्रवाई हेतु निर्देशित किया था। इसके बाद गोली लगे व्यक्ति को कोतवाल द्वारा गाजीपुर हॉस्पिटल में केवल कागजों में ही भर्ती कराकर उसे छोड़ दिया गया था। आलोक बलवंत गाजीपुर सरकारी अस्पताल में लगभग 5 से 6 घंटे इंतजार किया फिर भी उसे प्रशासन और अस्पताल द्वारा बेड नहीं दिया गया था। प्रार्थी ने करीब रात्रि 10:00 बजे एमएलसी प्रतिनिधि डॉ प्रदीप पाठक को इस बात की सूचना दी जिसका तत्काल संज्ञान लेते हुए डॉ प्रदीप पाठक साथ एमएलसी मिडिया प्रभारी अनूप जायसवाल मौके पर अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने देखा कि प्रार्थी आलोक बलवंत को मौके पर कोई मदद और बेड नहीं मिला था ना हीं कोतवाल द्वारा उसकी कोई समुचित व्यवस्था कराई गई थी।पीड़ित की अवस्था को देखकर रात्रि में ही सदर कोतवाल को एमएलसी प्रतिनिधि ने सदर कोतवाल को फोन लगाकर पूछा कि आपके द्वारा भर्ती करने के बावजूद भी अभी तक प्रार्थी को ना ही कोई व्यवस्था मिली है ना ही बेड मिला है। लेकिन बार-बार एमएलसी प्रतिनिधि को कोतवाल द्वारा कहाँ जा रहा था कि बेड दिलवा दिया गया है। इसका व्यवस्था को देखकर एमएलसी प्रतिनिधि ने कोतवाल को फटकार लगाया। तथा वहाँ मौके पर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मी मकसूद, डॉ मिथिलेश से पूछताछ किया कि अभी तक प्रार्थी को बेड क्यों नहीं मिला लेकिन उन स्वास्थ्य कर्मियों ने भी हिल्ला हवाली दिया कोई स्पष्ट बात नहीं बताई। किसी तरह वहां उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों से बातचीत करके उसे तत्काल बेड एमएलसी प्रतिनिधि द्वारा दिलवाया गया। जहां सर्जरी उपरांत गोली को निकाला गया। इस परिपेक्ष में फिर माननीय एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने आज पुलिस अधीक्षक से वार्तालाप किया और एवं स्पष्ट निर्देश दिया कि  कोतवाल द्वारा इस गंभीर लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए उसी थाने में प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ मुकदमा कायम हो और उसे जेल में डाला जाए।*_जब इस मामले के संबंध में जानकारी गाजीपुर कोतवाली के कोतवाल से निकली गई तो उनका कहना था कि पीड़ित के तहरीर के आधार पर मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया उसके उपरांत डॉक्टर के निरीक्षण और एक्स-रे निकालने के बाद में जो साक्ष सामने आए हैं उस आधार पर अन्य धाराएं भी जोड़कर विवेचना चल रही है अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाएगी_*

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