top of page
Search
  • alpayuexpress

इंसान के शरीर में कोरोना वायरस कहां करता है हमला और किस कारण से होती है मौत, वैज्ञानिकों ने पता लगाय




(रितिक रजक की रिपोर्ट)


मई गुरुवार 14-5-2020


इंसान के शरीर में कोरोना वायरस कहां करता है हमला और किस कारण से होती है मौत, वैज्ञानिकों ने पता लगाया


*नई दिल्‍ली।* चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस कम समय में ही दुनियाभर के लिए गंभीर खतरा बनकर उभर आया है। आज पूरा विश्व इस महामारी के चलते सिमट कर रह गया है। विश्व भर में अब तक 42 लाख से अधिक लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 4,246,741 लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं तथा 290,879 लोगों की मौत हो चुकी है। इंसानों को मौत के घाट उतराने वाले कोरोना वायरस के तरीकों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें बताया गया है कि ये वायरस कैसे लोगों की जान ले रहा है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) पर सीधा हमला करता है जिसका कार्य संक्रमण से लड़ने के लिए है।

वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस के चलते होने वाले रोग, उनके लक्षण और उपचार के बारे में बताया है।


आमिर की 'परछाई' कहे जाने वाले आमोस के निधन से बॉलीवुड में शोक, 25 साल से था गहरा नाता


प्रतिरोधी क्षमता को अतिसक्रिय कर देता है जिसे 'साइटोकाइन स्टॉर्म' कहते हैं

फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने चरण-दर-चरण समझाया कि वायरस कैसे श्वास मार्ग को संक्रमित करता है, कोशिकाओं के भीतर कई गुणा बढ़ जाता है और गंभीर मामलों में प्रतिरोधी क्षमता को अतिसक्रिय कर देता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'साइटोकाइन स्टॉर्म' कहा जाता है। 'साइटोकाइन स्टॉर्म' श्वेत रक्त कोशिकाओं की अतिसक्रियता की स्थिति है। इस स्थिति में बड़ी मात्रा में साइटोकाइन रक्त में पैदा होते हैं। इस अध्ययन के लेखक एवं चीन की 'जुन्यी मेडिकल यूनीर्विसटी' में प्रोफेसर दाइशुन लियू ने कहा, 'सार्स और मर्स जैसे संक्रमण के बाद भी ऐसा ही होता है।


*शरीर में खून जमने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है*


आंकड़े दर्शाते हैं कि कोविड-19 से गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को 'साइटोकाइन स्टॉर्म सिंड्रोम' हो सकता है।' लियू ने कहा, 'बेहद तेजी से विकसित साइटोकाइन अत्यधिक मात्रा में लिम्फोसाइट और न्यूट्रोफिल जैसी प्रतिरक्षा कोशिकाओं को आर्किषत करते हैं, जिसके कारण ये कोशिकाएं फेफड़ों के ऊतकों में प्रवेश कर जाती है और इनसे फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।' अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि 'साइटोकाइन स्टॉर्म' से तेज बुखार और शरीर में खून जमना जैसी स्थिति पैदा हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि श्वेत रक्त कोशिकाएं स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करने लगती हैं और फेफड़ों, हृदय, यकृत, आंतों, गुर्दा और जननांग पर प्रतिकूल असर डालती हैं जिनसे वे काम करना बंद कर देते हैं।


*फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं*


उन्होंने कहा कि कई अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं। इस स्थिति को 'एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम' कहते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस से अधिकतर मौत का कारण श्वसन प्रणाली संबंधी दिक्कत है। उल्‍लेखनीय है कि भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है और अब यह 50 हजार से अधिक संक्रमण के आंकड़ों वाले देशों की सूची में 12वें स्थान पर पहुंच गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके संक्रमण से अब तक 74,281 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2415 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक 24,386 लोग पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। वहीं पूर्वोत्तर भारत की बात की जाए तो अभी तक अरुणाचल, नागालैंड और मिजोरम में एक, मणिपुर में दो, मेघालय में 13, असम में 65 और त्रिपुरा में 154 मामले सामने आ चुके हैं।

1 view0 comments
bottom of page