आर.के. ईंट उद्योग में!..बाल मजदूरी के चलते,ट्रैक्टर ट्रॉली से दबकर पांच वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत
- alpayuexpress
- Jun 21
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आर.के. ईंट उद्योग में!..बाल मजदूरी के चलते,ट्रैक्टर ट्रॉली से दबकर पांच वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत

संतोष नाई वरिष्ठ पत्रकार
⭕भट्ठा मालिक रमेश कुशवाहा पर श्रम कानून उल्लंघन और आपराधिक लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जाए
जून शनिवार 21-6-2025
गाजीपुर:- खबर गाज़ीपुर जिले से है जहां पर शादियाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत गोरारी गांव स्थित आर.के. ईंट उद्योग में आज सुबह एक दिल को झकझोर देने वाली घटना घटित हुई। मात्र पाँच वर्ष की एक मासूम बच्ची की जान एक लापरवाह ड्राइवर की करतूत और भट्ठे की लचर व्यवस्था के चलते चली गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब बच्ची ईंट भट्ठे पर मौजूद थी और अचानक ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में आ गई। ट्रॉली के नीचे दबते ही बच्ची की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने न केवल परिजनों को, बल्कि पूरे क्षेत्र को गम और आक्रोश में डाल दिया है।

स्थानीय लोगों का आरोप: ईंट भट्ठे पर बाल मजदूरी का बोलबाला:- ग्रामीणों का कहना है कि आर.के. ईंट उद्योग में लंबे समय से बच्चों से काम करवाया जा रहा है। भट्ठे पर न तो बच्चों के आने-जाने पर कोई प्रतिबंध है, और न ही मजदूरों के परिजनों की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम। भट्ठा मालिक रमेश कुशवाहा पर आरोप है कि वह बच्चों से मजदूरी करवाता है, जो कि कानूनन गंभीर अपराध है। बच्ची की मौत ने इस अवैध बालश्रम की सच्चाई को उजागर कर दिया है, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर इस अपराध के लिए जिम्मेदार कौन है?ड्राइवर की लापरवाही बनी मौत का कारण:- चश्मदीदों के अनुसार ट्रैक्टर का ड्राइवर तेज रफ्तार में ट्रॉली चला रहा था और उसे आसपास की गतिविधियों का कोई ध्यान नहीं था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस था या नहीं। साथ ही ट्रैक्टर और ट्रॉली के दस्तावेजों की वैधता पर भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है।घटना के बाद बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार यही कह रही है कि अगर उसके बच्चे को भट्ठे पर आने से रोका गया होता, या अगर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होते, तो उसकी जान बच सकती थी। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग इस घटना से व्यथित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन की उदासीनता पर उठा सवाल:- स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद काफी देर तक पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुँची। लोगों ने नाराजगी जताई कि इतनी गंभीर घटना के बावजूद अधिकारी मौके पर सक्रियता नहीं दिखा रहे। ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
ईंट भट्ठों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल:- यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या हमारे देश में श्रमिकों और उनके परिजनों की सुरक्षा केवल एक कागज़ी वादा बनकर रह गई है? खासकर ईंट भट्ठों की हालत, जहाँ खुले में कार्य किया जाता है, भारी वाहनों की आवाजाही होती है, और फिर भी न तो बाल मजदूरी की निगरानी होती है, न ही सुरक्षा के मानक लागू होते हैं।
बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं:- इस हृदयविदारक घटना ने न केवल एक मासूम की जान ली, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता को भी उजागर कर दिया। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करता है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।
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