गाजीपुर/उत्तर प्रदेश
अवैध ट्रांजेक्शन!...साइबर अपराधियों से पुलिस ने वापस कराये सात लाख रुपए, बताया बचाव के उपाय
सुभाष कुमार सीनियर क्राइम रिपोर्टर
गाजीपुर। खबर गाजीपुर जिले से है जहां पर साइबर सेल ने साइबर अपराध के पीड़ित एक व्यक्ति के कुल सात लाख रुपये वापस कराने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे के निर्देशानुसार साइबर अपराध के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत आवेदक सत्येन्द्र चौहान पुत्र सुदामा चौहान निवासी रायपुर पोस्ट पाण्डेपुर राधे थाना-मरदह जनपद गाजीपुर ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी बहन सुमित्रा चौहान के खाते से कुल-रूपये 760000 की अवैध ट्रांजेक्शन की गयी है।
उनकी शिकायत पर प्रभारी साइबर सेल उपनिरीक्षक वैभव मिश्रा मय टीम के प्रकरण का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन जिन पेमेंट गेटवे के माध्यम से हुए थे, संबंधित कम्पनी/मर्चेन्ट को जरियें मेल पत्राचार कर एवम् दूरभाष पर सम्पर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन रोकने एवं ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रदान करने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की। इसके फलस्वरुप आवेदक की कुल गाढ़ी कमाई को खातें वापस कराया गया। अपनी मेहनत की कमाई पुनः प्राप्त होने पर आवेदक द्वारा साइबर कार्यालय उपस्थित होकर समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया गया।
धनराशि वापस कराने वाली टीम में
साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक वैभव मिश्रा, आरक्षीगण मुकेश कुमार, राजकुमार, विकास श्रीवास्तव, शिव प्रकाश यादव व महिला आरक्षी प्रतिभा शुक्ला साइबर सेल गाजीपुर शामिल रहे।
साइबर अपराध से बचाव हेतु बताया गया कि साइबर ठगों द्वारा लोगों को फोन और ईमेल करके किसी को लाटरी लगने का मैसेज, किसी को फोन करके उसका बैंक अकाउण्ट हैक होने व कार्ड बंद होने का डर दिखाकर जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। वे किसी को एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाकर ठगी का शिकार बना लेतें हैं।
इससे बचाव हेतु लोगों को सावधानियां भी बतायी गयीं ➢
➢ कभी किसी मेसेज पर अनावश्यक विश्वास नही करें।
➢ बैंक के सबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक मेंप जाकर ही जानकारी प्राप्त करें।
➢ फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन कतई नहीं करें।
➢ अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नहीं करें।
➢फेसबुक या अन्य किसी सोशल मिडिया पर अनजान लोगों के साथ विडियो कॉलिंग न करें।
➢ अज्ञात स्रोत से प्राप्त किसी भी प्रकार के लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक/स्कैन ना करें।
➢ रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नहीं करें।
➢ पैसे प्राप्त करने हेतु कभी भी एम.पिन या यू0पी0आई0 पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है।
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