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अद्भुत दिव्य शक्ति!...अति प्राचीन दो सौ वर्ष पूरानी श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट यूसुफपुर को रामन
अद्भुत दिव्य शक्ति!...अति प्राचीन दो सौ वर्ष पूरानी श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट यूसुफपुर को रामनगर के राजा का मिला है आशीर्वाद

किरण नाई वरिष्ठ पत्रकार
मनिहारी। ख़बर गाजीपुर जिले से है जहां पर ग्राम पंचायत यूसुफपुर (खडबा) गाजीपुर के रामलीला के मंचन का दो सौ वर्ष पुराना इतिहास जो अति प्राचीन राम जानकी मंदिर ठकूरद्वारा से जूड़ा है। इतिहास कारों के द्वारा यह बात गाँव के प्रबुद्ध जन बताते है कि दो सौ वर्ष पहले मूर्ति व्यापारी कलकत्ता से भैसा पर मूर्तियां लादकर पैदल रास्ते होते हुए रामनगर के राजा को मूर्तियां देने हेतू वेसो नदी तट कभी घना जंगल व बनारस कलकत्ता का प्रमुख पैदल मार्ग था ठकूरद्वारा जो काफी रमणीय बेसों नदी तट यूसुफपुर गाँव से दक्षिण में स्थित हैं वहीं मूर्ति व्यापारी अपने भैंसे पर लदी मूर्ति उतारकर रात्रि विश्राम करनें हेतू. ठहरे थे। जब सुबह फिर मूर्ति भैंसे पर लादकर रामनगर हेतू चलना चाहें तो वह भैंसा उठा ही नहीं और जब मूर्ति उतार देते तो वह भैसा उठ खड़ा हो जाता था।
मूर्ति लादकर ले जाने के दिनभर के प्रयास में असफल व्यापारी यह सूचना रामनगर के राजा को दिया और यह घटना खडबा क्षेत्र में जंगल में आग की तरह फैल गयीं और पूरे गाँव और क्षेत्र के लोग वहाँ इकट्ठा हो गये थे जो मूर्तिया देखकर अद्भुत दिव्य शक्ति का दर्शन राम लक्ष्मण और जानकी के मूर्ति में पा रहें थे। और मन में भाव मूर्ति को यहीं स्थापित करने की होने लगीं थी जो पारब्रम्ह परमेश्वर और जानकी माता का चमत्कारी मूर्ति जीवधारी हो गयीं थीं।
दो रोज बाद रामनगर के राजा अपने घोड़े पर बैठ राज सैनिकों के साथ ठकुरद्वारा स्थल पर आयें और समझने में देर नहीं किये और वहां इकट्ठा हुए गाँव वासि और क्षेत्र वासियों के द्वारा रामनगर के राजा साहब से मूर्ति को जीवधारी होने की बात कह मूर्ति को उसी स्थल पर मंदिर बनाकर स्थापित करने की गुहार की जिसे दैविय कृपा से रामनगर के राजा ने स्वीकार की और अपने यहाँ मूर्ति के स्थापना का उद्देश्य रामनगर की रामलीला से होना बताया और मूर्ति को तभी आप ग्राम वासी और क्षेत्र वासी को सुपूर्द करुंगा जब आप अपने यहां मंदिर में इस दिब्य प्रतिमा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम लक्ष्मण जानकी का स्थापित कर दशहरा में भगवान की लीला का मंचन करने का बचन दें और मंचन से पहले मुकूट पूजा इस दैविय शक्ति दिब्य मूर्ति का करेंगे।
राजा द्वारा दिलाये संकल्प का गांव वासियों और क्षेत्र वासियों ने संकल्प लें बचन दिया और उसे पूर्ण करने में मंदिर निर्माण हेतु पारा गांव के राय साहब के भट्टा के एक खेप ईंट देने के बचन में पुरा गांव के सर्व समाज की पुरूषों और नारी शक्ति द्वारा एक खेप में मंदिर निर्माण ठकुरद्वारा का पूर्ण कर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा हुआ।
राजा द्वारा दिये वरदान के फल स्वरूप रामलीला के मंचन दशहरा में शुरू के दौर में गुलरी सिकटिहा और अन्य जगहों पर दस द्विवसीय शुभ शुभारंभ रहां। इस कार्य में गांव के सर्व समाज हिन्दू मुस्लिम सभी ने तन मन धन का सहयोग किया।
आज दो सौ वर्ष की पुरानी रामलीला का पूरी तन्मयता और निष्ठा से वर्तमान श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट अध्यक्ष श्री पंचम सिंह जी द्वारा समर्थित और समर्पित है। मीडिया प्रभारी राजेश जायसवाल द्वारा पूरी ख़ोज जांच